प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान Haryana के मुख्यमंत्री ने कही इतनी बड़ी बात

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल (Chief Minister Manohar Lal) ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने 'अधिकतम शासन-न्यूनतम सरकार' (Adhiktam Shasan Nyuntam Sarkar) सुनिश्चित करने के लिए जिस प्रकार के अभूतपूर्व सुधारों की शुरुआत की, ऐसा किसी ने नहीं सोचा था कि कभी संभव भी होगा। उन्होंने कहा कि गलती और गलत में केवल छोटा सा फर्क होता है, वह है नीयत का, हम गलती तो कर सकते हैं, परंतु किसी का गलत नहीं कर सकते।

आमतौर पर सरकारी योजनाओं का लाभ पंक्ति में खड़े अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने की बात कही जाती है, लेकिन हमने पंक्ति में खड़े अंतिम व्यक्ति के उत्थान से ही जन कल्याण की शुरुआत की है, क्योंकि उन्हीं का सरकार पर पहला अधिकार है।
मनोहर लाल ने आज यहां प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि विपक्ष केवल इस बात पर शोर मचाते हैं कि राज्य सरकार ने लाभार्थियों की पेंशन काट दी है, परंतु उन्हें वास्तविकता का पता ही नहीं है। विपक्ष के लोग यह नहीं बताते कि 2 सालों में कितने नए व्यक्तियों को पेंशन मिली है। वे आंकड़ों के साथ खिलवाड़ करके सिर्फ पेंशन काटने की बात करते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2 सालों में मार्च 2022 तक 2.61 लाख नये लाभार्थी जुड़े हैं। पेंशन काटने से संबंधित जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि इन 2 सालों में 2.41 लाख लोगों की मृत्यु हो चुकी है, उनकी पेंशन कटी है। इसके अलावा, लगभग 21000 लोग ऐसे हैं, जिनकी आय सीमा 3.50 लाख रुपये से अधिक है, उनकी पेंशन कटी है। लगभग 15000 मामले ऐसे हैं, जिनके आयु विवरण में कुछ गड़बड़ी पाई गई, इसलिए उन्हें पेंशन नहीं मिली है। 

उन्होंने कहा कि पेंशन का लाभ प्राप्त करने के लिए वर्ष 2011 में आय सीमा 50,000 रुपये थी। वर्ष 2012 में पिछली सरकार ने इस सीमा को 2 लाख रुपये कर दिया था। उसके बाद से इस आय सीमा में कोई बदलाव नहीं किया गया है और अभी तक 2 लाख रुपये से लेकर 3.5 लाख रुपये आए सीमा तक के किसी भी लाभार्थी की पेंशन नहीं काटी गई है।

मनोहर लाल ने कहा कि राज्य सरकार ने परिवार पहचान पत्र के माध्यम से 57 से 60 वर्ष आयु के व्यक्तियों का डाटा सत्यापन के लिए फील्ड में भेजा है। सत्यापन के बाद 60 वर्ष आयु होने पर इनकी पेंशन स्वत: शुरू हो जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने जन्म और मृत्यु पंजीकरण प्रक्रिया को भी डिजिटल किया है और इसे परिवार पहचान पत्र से जोड़ा गया है ताकि परिवार के सदस्यों की जानकारी स्वत: ही अपडेट होती रहे। इसके अलावा, विवाह पंजीकरण प्रक्रिया को भी और सुदृढ़ किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि परिवार पहचान पत्र के माध्यम से यह जानकारी सामने आई कि लगभग 17-18 हजार  ऐसी विधवा महिलाएं हैं, जिन्होंने दोबारा शादी कर ली, परंतु उनको विधवा पेंशन लगातार मिल रही थी। अब जब सरकार ने सत्यापन का कार्य आरंभ किया तो अधिकांश महिलाएं स्वयं सरकार के पास आ रही हैं और उनकी पेंशन बंद करने का आग्रह कर रही हैं।  

उन्होंने कहा कि अब हमारी सरकार गंभीर बीमारियों जैसे कैंसर पीड़ित और एचआईवी से पीड़ित व्यक्तियों को 2500 रुपये प्रति माह पेंशन का लाभ दे रही है।
मुख्यमंत्री ने पीपीपी डाटा के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि पांचवें चरण में लगभग 30.06 लाख परिवारों का डाटा सत्यापन के लिए भेजा गया है। अभी तक 1.80 लाख रुपये आय से कम सत्यापित परिवारों की संख्या 13 लाख 53 हजार है। अनुमान है कि ऐसे परिवारों की संख्या 20 लाख के आसपास होगी।

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