हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल ने कहा कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी रूर्बन मिशन (Shyama Prasad Mukherjee Rurban Mission) के तहत बनाए गए 10 कलस्टरों (10 clusters) में शहरों जैसी आधरभूत सुविधाएं प्रदान करने की योजना के अन्तर्गत दीनबंधु छोटू राम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (Deenbandhu Chhotu Ram University of Science and Technology), मुरथल (Murthal), ग्रामीण विकास विभाग (Rural Development Department) और राष्ट्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज संस्थान, हैदराबाद (National Institute of Rural Development and Panchayati Raj, Hyderabad) के मध्य जल्द ही एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) किया जाएगा। इससे स्पेशल प्लानिंग घटक के तहत करवाये जाने वाले कार्यों में तेजी आएगी।
मुख्य सचिव आज यहाँ श्यामा प्रसाद मुखर्जी रूर्बन मिशन की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। संजीव कौशल ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि स्पेशल प्लानिंग घटक (special planning component) के अन्तर्गत सभी विकासात्मक कार्यों की रूपरेखा को जल्द से जल्द अंतिम रूप दिया जाए।
बैठक में मुख्य सचिव को अवगत कराया गया कि इन क्लस्टरों में डेवलपमेंट ज़ोन के प्लानिंग एरिया को अधिसूचित कर दिया गया है। इस योजना के तहत तीन चरणों में 150 गांवों को कवर करके 10 कलस्टर बनाए गए हैं और इनमें 751 परियोजनाएं पूरी की जा चुकी हैं तथा 376 प्रगति पर हैं। इस योजना के लिए 1200 करोड़ रुपये मंजूर हैं, जिसमें से 548 करोड़ रुपये खर्च किये जा चुके हैं।
केन्द्र सरकार द्वारा हरियाणा राज्य के 10 कलस्टरों नामत: जिला अंबाला में मुलाना (Mullana in Ambala), फतेहाबाद में समैण (Samain in Fatehabad), झज्जर में बादली (Badali in Jhajjar), जींद में उचाना खुर्द (Uchana Khurd in Jind), करनाल में बल्ला (Balla in Karnal), रेवाड़ी में कोसली (Kosli in Rewari), पंचकूला में गणेशपुर (Ganeshpur in Panchkula), पानीपत में सिवाह (Siwah in Panipat), फरीदाबाद में तिगांव (Tigaon in Faridabad) और मेवात जिला में सिंगड (Singad in Mewat District) को तीन चरणों में विकसित करने के लिए आवंटित किया गया है।
इस मिशन का मुख्य उद्देश्य गांव को स्मार्ट गांव (Smart Villages in Haryana) में बदलना, स्थानीय स्तर पर लोगों को रोजगार प्रदान करना, महानगरों की ओर पलायन रोकना और ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक विकास की गति को बढ़ावा देना है।
इस मिशन के तहत कौशल विकास प्रशिक्षण, कृषि प्रसंस्करण, कृषि सेवा, भंडारण और वेयर हाउसिंग, मोबाइल हेल्थ यूनिट, विद्यालय, स्वच्छ पानी की पूर्ति, स्ट्रीट लाइट, संपर्क मार्ग, डिजिटल साक्षरता, ई-ग्राम के अलावा सर्विसिज सेंटर स्थापित कर गांव को भी शहर जैसा बनाने की योजना है।
मिशन के तहत चयनित गांवों में ठोस अवशिष्ट प्रबंधन, कौशल विकास और आईटी व्यवस्था मजबूत करने पर विशेष जोर दिया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में निवेश को बढ़ावा दिया जा रहा है।
इसके अलावा, प्रत्येक गांव को शहरों वाली सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। बिजली, पानी, सड़क, स्वास्थ्य केंद्र आदि की सुविधा ग्रामीणों को दी जा रही है। इसके अलावा, मिशन के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में कौशल और स्थानीय उद्यमिता तथा आर्थिक गतिविधियों को शुरु किया जाएगा।
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