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दुष्कर्म और हत्यारोपी गुरमीत राम रहीम को रोहतक के सुनारिया जेल में बंद था। अब हरियाणा सरकार ने राम रहीम को लेकर महत्वपूर्ण फैसला लिया है। सरकार ने डेरा प्रमुख राम रहीम को 21 दिन की फरलो मिली है। कड़ी सुरक्षा के बीच राम रहीम को जेल से बाहर लाया गया। गुरमीत को जेल से बाहर लाने का एक महत्वपूर्ण कारण पंजाब और यूपी चुनाव माना जा रहा है। राम रहीम की फरलॉ (Furlough) से बीजेपी सरकार डेरा के असर वाली सीटों पर फायदा लेना चाहती है।
बता दें कि दो दिन पहले हरियाणा के जेल मंत्री रणजीत सिंह चौटाला का एक बयान सामने आया था जिसमे उन्होंने कहा था कि फरलॉ (Furlough) लेना हर कैदी का अधिकार है। इसी को देखते हुए राम रहीम को भी 21 दिन की फरलॉ मिल गई।
आज सुबह डेरा प्रमुख को कड़ी सुरक्षा में रोहतक के सुनारिया जेल से निकाला गया है। पैरोल के दौरान एक कड़ी शर्त भी रखी गई कि वह 21 दिनों तक पुलिस की निगरानी में रहेगा। इस दौरान उसका अधिकांश समय डेरे में ही व्यतीत होगा।
क्या होता है फरलॉ?
जो मुजरिम अपनी आधी से ज्यादा जेल की सजा काट चुका हो उसे साल में 4 हफ्ते के लिए फरलॉ (Furlough) दिया जाता है। मुजरिम को सोशल और फैमिली से संबंध कायम रखने के लिए फरलॉ (Furlough) दिया जाता है। डीजी जेल के पास इनकी अर्जी भेजी जाती है और इसे होम डिपार्टमेंट के पास भेजा जाता है और उस पर 12 हफ्ते में निर्णय होता है।
एक बार में दो हफ्ते के लिए फरलॉ (Furlough) दिया जा सकता है और उसे दो हफ्ते के लिए एक्सटेंशन दिया जा सकता है। फरलॉ (Furlough) मुजरिम का अधिकार होता है, जबकि पैरोल अधिकार के तौर पर नहीं मांगा जा सकता। पैरोल के दौरान मुजरिम जितने दिन भी जेल से बाहर होता है, उतनी अतिरिक्त सजा उसे काटनी होती है। फरलॉ (Furlough) के दौरान मिली रिहाई सजा में ही शामिल होती है।
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